नाटक-एकाँकी
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आर.यू.आर.निर्मल वर्मा
मूल्य: $ 5.95 |
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नदी प्यासी थीधर्मवीर भारती
मूल्य: $ 8.95 |
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दास्तान-ए-रामदानिश इकबाल
मूल्य: $ 7.95 |
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ये आकाश मेरा भी हैडॉ. रमेश चन्द्र गुप्ता
मूल्य: $ 12.95 |
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ताश का देशरबीन्द्रनाथ टैगोर
मूल्य: $ 4.95 |
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चंद्रगुप्त मौर्यएल एन सावित्री शुक्ला
मूल्य: $ 9.95
चंद्रगुप्त मौर्य के जीवन पर एक नाटक आगे... |
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खामोश अदालत जारी हैविजय तेन्दुलकर
मूल्य: $ 7.95 |
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ग्रीस के त्रासद नाटककमल नसीम
मूल्य: $ 14.95 |
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कम्पनी उस्तादरवीन्द्र भारती
मूल्य: $ 6.95 |
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मीरजाफर एवं अन्य नाटकव्रात्य बसु
मूल्य: $ 18.95 |
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खड़िया का घेराबर्टोल्ट ब्रेष्ट
मूल्य: $ 10.95 |
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किस्सा मौजपुर काजयवर्धन
मूल्य: $ 10.95 |
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मायाराम की मायाजयवर्धन
मूल्य: $ 10.95 |
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कालपुरुष : क्रांतिकारी वीर सावरकरजयवर्धन
मूल्य: $ 12.95 |
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जयवर्धन के तीन नाटकजयवर्धन
मूल्य: $ 13.95 |
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गोरखधंधाजयवर्धन
मूल्य: $ 10.95 |
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गोदानजयवर्धन
मूल्य: $ 8.95 |
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दो नाटकजयवर्धन
मूल्य: $ 7.95 |
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बच्चों के छह नाटकजयवर्धन
मूल्य: $ 11.95 |
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बाबू हरिश्चन्द्रजयवर्धन
मूल्य: $ 11.95 |
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मेरा पहला हवाई सफरपंकज चतुर्वेदी
मूल्य: $ 4.95
बाल कथा आगे... |
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हरियाली की रानीप्रताप सहगल
मूल्य: $ 4.95
बाल कथा आगे... |
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आठ एकांकीदेवेन्द्र राज अंकुर
मूल्य: $ 1.95 आठ एकांकी आगे... |
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एकांकी-संकलनअजय टेंगसे
मूल्य: $ 1.95 एकांकी-संकलन आगे... |
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एकांकी रत्नाकरश्रीधर सिंह
मूल्य: $ 1.95 एकांकी रत्नाकर आगे... |
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कश्मीर से कच्छ तकमनोहर श्याम जोशी
मूल्य: $ 9.95 कश्मीर से कच्छ तक आगे... |
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मसाजविजय तेन्दुलकर
मूल्य: $ 12.95 मसाज आगे... |
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मास्टर बिल्डरहेनरिक इब्सन
मूल्य: $ 7.95 मास्टर बिल्डर आगे... |
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मीडियायूरीपिडीज, अनु. देवेन्द्र राज
मूल्य: $ 1.95 मीडिया आगे... |
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क्ंजूसमौलियर
मूल्य: $ 9.95 क्ंजूस आगे... |
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गाथा कुरुक्षेत्र कीमनोहर श्याम जोशी
मूल्य: $ 7.95 गाथा कुरुक्षेत्र की आगे... |
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बिच्छूमौलियर
मूल्य: $ 9.95 बिच्छू आगे... |
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एक और दुर्घटनाअमिताभ श्रीवास्तव
मूल्य: $ 7.95 एक और दुर्घटना आगे... |
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भारत कहाँ जा रहा हैमधु धवन
मूल्य: $ 2.95 भारत कहाँ जा रहा है आगे... |
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बरसीवयला वासुदेवन पिल्लै
मूल्य: $ 7.95 बरसी आगे... |
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कर्बलावीना अग्रवाल
मूल्य: $ 11.95 कर्बला आगे... |
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अन्त का उजालाकृष्ण बलदेव वैद
मूल्य: $ 13.95 |
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यहूदी की लड़कीआगा हश्र कश्मीरी
मूल्य: $ 2.95 एक पुरानी फिल्म 'यहूदी' की पटकथा इसी नाटक पर आधारित है। आगे... |
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विक्रमोर्वशीकालिदास
मूल्य: $ 6.95 महाकवि कालिदास कृत विक्रमोर्वशी (पराक्रम से विजित उर्वशी) पाँच अंकों का त्रोटक है। आगे... |
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बालरंगरेखा जैन
मूल्य: $ 24.95 इसमें हिन्दी अंचल के अलावा पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात और मणिपुर के भी बाल रंगमंच पर उपयोगी जानकारी संकलित की गई है। आगे... |
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रंग कोलाजदेवेंद्र राज अंकुर
मूल्य: $ 8.95 साहित्य के अध्येता और सक्रिय रंगकर्मी देवेन्द्र राज अंकुर का यह अध्ययन हिन्दी रंगकर्म के विद्यार्थियों और सुधी पाठकों के लिए समान रूप से महत्त्वपूर्ण है। आगे... |
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रास्तेगोविंद पुरुषोत्तम देशपांडे
मूल्य: $ 3.95 रास्ते' प्रतिबद्धता के अलग-अलग रंगों और स्तरों के आपसी द्वंद्व की कहानी कहने वाला नाटक है आगे... |
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पूर्वाभ्यासमोहन राकेश
मूल्य: $ 12.95
ये एकांकी न केवल हमें एक ऐतिहासिक दौर का ही साक्षात्कार कराते हैं, अपितु.... आगे... |
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पहला रंगदेवेंद्र राज अंकुर
मूल्य: $ 12.95 देवेन्द्र राज अंकुर की नाट्य-कृति आगे... |
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पहला राजाजगदीश चंद्र माथुर
मूल्य: $ 1.95 पहला राजा की कथा एक पौराणिक आख्यान पर आधारित है, जिसमें प्रकृति और मनुष्य के बीच सनातन श्रम-संबंधों की महत्ता को रेखांकित किया गया है। आगे... |
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पगला घोड़ाबादल सरकार
मूल्य: $ 8.95
सुप्रसिद्ध नाटककार बादल सरकार की यह कृति बांग्ला और हिंदी दोनों भाषाओं में अनेक बार मंचस्थ हो चुकी हैं। आगे... |
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पढ़ते सुनते देखतेदेवेंद्र राज अंकुर
मूल्य: $ 14.95 हमें पूरा विश्वास है कि सिद्धान्त और व्यवहार के बीच से अपना रास्ता तलाश करती यह पुस्तक उन सबके लिए उपादेय साबित होगी जो वर्तमान हिन्दी रंगमंच की सम्यक् समझ हासिल करना चाहते हैं। आगे... |
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नाट्यशास्त्र की भारतीय परम्परा और दशरूपकहजारी प्रसाद द्विवेदी
मूल्य: $ 30.95
इस पुस्तक में धनंजय कृत कारिकाओं के अलावा धनिक की वृत्ति तथा नाट्यशास्त्र की भारतीय परम्परा का परिचय देने के लिए आचार्य द्विवेदी ने अपना एक निबन्ध भी जोड़ा है। आगे... |
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मैले हाथज्यां पॉल सार्त्र
मूल्य: $ 3.95 सर्वप्रथम पैरिस में सन् 1948 में मंचित यह नाटक साम्यवाद की मानसिकता और तौर-तरीकों की एक बेहतरीन (क्लासिक) विवेचना करता है। आगे... |
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लाक्षागृह एवं अन्य नाटकव्रात्य बसु
मूल्य: $ 14.95
इन नाटकों का सबसे बड़ा आकर्षण इनका भाषा-सौष्ठव और मंचीयता है जो इन्हें एक तरफ अभिनेय बनाती है तो दूसरी तरफ पठनीय भी। कथ्य स्वयं एक तत्त्व है जिसके लिए इन्हें पढ़ा ही जाना चाहिए। आगे... |